Himachal Weather: भारी बारिश और भूस्खलन से तबाही, चंडीगढ़-मनाली एनएच सहित 535 सड़कें ठप, दुश्वारियां बढ़ीं
प्रदेश में भारी बारिश-भूस्खलन से हुई तबाही से दुश्वारियां बढ़ गई हैं। राज्य में सैकड़ों सड़कें, बिजली ट्रांसफार्मर व जल आपूर्ति योजनाएं ठप हैं।
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश-भूस्खलन से हुई तबाही से दुश्वारियां बढ़ गई हैं। राज्य में सैकड़ों सड़कें, बिजली ट्रांसफार्मर व जल आपूर्ति योजनाएं ठप हैं। कई इलाकों में मोबाइल व इंटरनेट सेवाएं भी बाधित हैं। पंडोह डैम के साथ लगते कैंची मोड़ के पास चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे का बड़ा हिस्सा गायब हो गया है। अब इसकी जल्द बहाली के आसार कम ही नजर आ रहे हैं। यहां पैदल चलने के लिए भी रास्ता नहीं बचा है। बीती रात को क्षेत्र में हुई भारी बारिश के कारण यहां हाईवे का एक बड़ा भाग पूरी तरह से जमींदोज हो गया। राज्य में गुरुवार सुबह 10:00 बजे तक 535 सड़कें बंद रहीं। 1,184 बिजली ट्रांसफार्मर व 503 जल आपूर्ति योजनाएं भी ठप हैं।
बनाला में किसी गाड़ी या व्यक्ति के दबे होने के साक्ष्य नहीं: डीसी
बनाला के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारी भूस्खलन हुआ है। सड़क से मलबा हटाया जा रहा है। वहीं, डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने कहा कि बनाला में फिलहाल किसी के दबे होने के साक्ष्य नहीं हैं। सांसद कंगना ने किसी के दबे होने की आशंका को लेकर सोशल मीडिया में पोस्ट थी। पोस्ट में कंगना ने प्रशासन के संपर्क में होने की बात लिखी।
मंडी से कुल्लू वाया कटौला मार्ग से भेजे जा रहे वाहन
बड़े मालवाहक वाहनों को नौ मील के पास रोक कर रखा गया था। बनाला में हाईवे को आज बहाल करना था लेकिन उससे पहले कैंची मोड़ के पास यह हाईवे बूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। बनाला में गिरे पत्थरों को तो आज हटा दिया जाएगा लेकिन कैंची मोड़ के पास क्षतिग्रस्त भाग की मरम्मत करने या फिर वैकल्पिक मार्ग तैयार करने में अभी लंबा समय लग सकता है। बता दें कि पिछले कल ही यह हाईवे दवाड़ा के पास तीन दिनों बाद बहाल हुआ था। हालांकि, मंडी से कुल्लू वाया कटौला मार्ग यातायात के लिए बहाल है। एक एक घंटे के अंतराल में छोटे वाहन भेजे जा रहे हैं। कुल्लू-मनाली के लिए अब यही मार्ग शेष है।
चंबा, कुल्लू और लाहौल-स्पीति में 7 दिन के लिए इंट्रा-सर्किल रोमिंग सुविधा
दूरसंचार विभाग के अपर महानिदेशक ने बताया कि चंबा, कुल्लू और लाहौल-स्पीति में इंट्रा सर्किल रामिंग सुविधा सात दिनों के लिए (तीन सितंबर तक) सक्रिय कर दी गई है। यह पहल प्रभावित क्षेत्र में मोबाइल कनेक्टिविटी को बनाए रखने के उद्देश्य से की गई है। क्षेत्र के मोबाइल उपभोक्ता अपने डिवाइस की सेटिंग्स में जाकर किसी भी उपलब्ध मोबाइल नेटवर्क का मैनुअल रूप से चयन कर सकते हैं। चाहे वह उनके मूल सेवा प्रदाता का नेटवर्क न हो। उन्होंने कहा कि सुविधा की अवधि के दौरान मोबाइल फोन उपभोक्ता किसी भी ऐसे टेलीकॉम ऑपरेटर के नेटवर्क से जुड़कर सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे, जिसका क्षेत्र में नेटवर्क है।
चंबा में दो लापता, अब तक नौ घरों के बहने की सूचना
चंबा जिले में बुधवार को दो जगह भूस्खलन से भाई-बहन समेत अब तक चार लोगों की मौत हो गई है, जबकि दो लापता हैं। भरमौर के होली क्षेत्र के सलून गांव में नाले में बाढ़ आने से नौ घरों के बहने की सूचना है। हालांकि, प्रशासनिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है, लेकिन विधायक जनकराज ने वीडियो जारी कर कहा कि पूरा गांव बह गया है। कांगड़ा की दुर्गम पंचायत बड़ा भंगाल में रावी नदी का जलस्तर बढ़ने से हेलीपैड के समीप दो सरकारी स्कूल भवन, आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी, पंचायत भवन, राशन डिपो, गांव को जोड़ने वाले पुल भी बहे हैं। मणिमहेश यात्रा पर गए हजारों श्रद्धालु जगह-जगह फंसे हैं। घायल छह श्रद्धालुओं को भरमौर से चंबा मेडिकल कॉलेज में एयरलिफ्ट किया गया है। रावी नदी उफान पर है और आसपास के घर खाली करवाए गए हैं।
चंबा में 1200 मणिमहेश यात्री फंसे, सरकार करेगी एयरलिफ्ट
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि चंबा और कुल्लू में फंसे लोगों को हेलिकाप्टर के माध्यम से निकाला जाएगा। प्राकृतिक आपदा के चलते चंबा के गौरीकुंड में 100, धन्छो में 500, भरमौर के चौरासी मंदिर में 600 श्रद्धालु फंसे हुए हैं। अन्य स्थानों में भी लोगों के फंसने की सूचना है। गौरीकुंड से कुछ लोगों को हेलिकाप्टर के माध्यम से सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया भी जा चुका है। वहीं, मनाली से भी कुछ लोग एयरलिफ्ट किए गए हैं। राजस्व मंत्री ने यह जानकारी चंबा के विधायक नीरज नैयर, चुराह के विधायक हंसराज और डलहौजी के विधायक डीएस ठाकुर की ओर से नियम 62 के तहत लाए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में दी। राजस्व मंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए सरकार राहत पैकेज दे रही है। जिनके घर आपदा में जमींदोज हो गए हैं, उनको तो सरकार राहत दे ही रही है, साथ ही उन मकानों में रहने वाले किरायेदारों को भी 50 हजार रुपये दिए जाएंगे, जिनका पूरा सामान बाढ़ की भेंट चढ़ गया है।
इस सीजन 42 जगह फटे बादल, 2623 करोड़ का नुकसान
हिमाचल में जारी बारिश के बीच मानसून सीजन के दौरान अभी तक कुल 2623 करोड़ का नुकसान हो चुका है। इस मानसून सीजन में 20 जून से 27 अगस्त तक 310 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है, जबकि 369 लोग घायल हुए हैं। 38 लोग अभी लापता हैं। 158 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है। इस सीजन बादल फटने की 42 एवं भूस्खलन की 82 घटनाओं में अब तक 2719 कच्चे-पक्के घरों, 481 दुकानों को क्षति हुई है। 3192 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं।
62 फीसदी से ज्यादा बरसे बादलों ने मचाई भारी तबाही
प्रदेश में अगस्त के दौरान सामान्य से 62 फीसदी और मानसून सीजन के दौरान 20 जून से अभी तक 30 फीसदी अधिक बादल बरसे हैं। मानसून सीजन के दौरान अभी तक 591 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है। इस साल इस अवधि में 767 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। अगस्त के दौरान सभी जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई। इस अवधि में 234 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है।
प्रदेश में इतने दिन बरसेंगे बादल
बीती रात को पंडोह में 108.0, भरेड़ी 63.8, मंडी 56.8, गोहर 53.0, नयना देवी 36.6, मनाली 25.0, बलद्वाड़ा और रामपुर में 18.0, अंब 15.4, बग्गी 10.5, अघार 8.6, कसौली 8.2, बीबीएमबी और भुंतर में 8.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से राज्य के कई भागों में 3 सितंबर तक बारिश का दाैर जारी रहने का पूर्वानुमान जताया गया है। 28 अगस्त से 3 सितंबर के दाैरान कुछ स्थानों पर भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। बुधवार देर रात भारी बारिश के कारण लंबलू से ताल संपर्क सड़क पर बिलेश्वर महादेव के चौक के पास भूस्खलन हुआ।
शिमला शहर के टुटू में भूस्खलन, दो गाड़ियां दबीं, भवन को खतरा
भारी बारिश थमने के बाद भी शिमला शहर में नुकसान का सिलसिला जारी है। टुटू के विजयनगर में देर रात भूस्खलन से दो गाड़ियां दब गईं। यहां एक भवन को भी खतरा हो गया है। वहीं कुल्लू में आपदा से क्षतिग्रस्त हुई पानी की योजनाओं और बिजली की लाइनों को ठीक करने में जलशक्ति विभाग और बिजली बोर्ड के कर्मचारी दिन-रात जुटे हुए हैं। बीती रात को जलशक्ति विभाग और बिजली बोर्ड के कर्मचारी अलग-अलग क्षेत्रों में पानी और बिजली बहाल करने में जुटे रहे।
मनाली और जनजातीय क्षेत्र लाहौल के लोगों की दिक्कतें बढ़ीं, सैकड़ों सैलानी फंसे
कुल्लू। देश-दुनिया से अलग-थलग पड़ी पर्यटन नगरी मनाली और जनजातीय क्षेत्र लाहौल के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुल्लू-मनाली के बीच हाईवे तीन के साथ वामतट मार्ग भी बंद है। ऐसे में मनाली और लाहौल में सैकड़ों सैलानी भी फंसे हुए हैं। प्रशासन ने कुल्लू-मनाली मार्ग को बहाल करने का काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है। इसके लिए प्रशासन में अतिरिक्त मशीनरी भी तैनात की है। हालांकि, कुल्लू से अलेऊ तक वामतट तक छोटे वाहनों के लिए पहले ही खोल दिया है। अब एसडीएम मनाली केडी शर्मा की निगरानी में अलेऊ के पास हुए भूस्खलन पर सड़क की बहाली का काम चला है।
मौसम खुलने के बाद मनाली से आईं तबाही की भयावह तस्वीरें
ब्यास और इसकी सहायक नदियों में बीते सोमवार को आई बाढ़ ने मनाली से कुल्लू तक भारी तबाही मचाई। गुरुवार को मौसम खुलने और मोबाइल सेवा बहाल होने के बाद तबाही की भयावह तस्वीरें सामने आ रही हैं। पर्यटन नगरी मनाली पूरी तरह से अलग-थलग पड़ गई है। वामतट मार्ग पर अलेउ में सड़क का लगभग 40 मीटर हिस्सा धंस गया है। वहीं नेशनल हाईवे मनाली से कुल्लू तक कई जगह ध्वस्त हो गया है। आलू ग्राउंड, वोल्वो बस स्टैंड, बिंदु ढांक, क्लाथ, 14 मील, रायसन में सड़क गायब हो गई है। बाढ़ से बाहंग में दो रेस्टोरेंट, चार दुकानें बह गईं। ओल्ड मनाली में 40 साल पुराना पुल ढह गया। यहां दो दर्जन से अधिक दुकानें बह गईं। जैसे-जैसे प्रशासन मौके का दौरा कर रहा है नुकसान के बारे में पता चल रहा है। बाढ़ में एक ट्रक, पिकअप, टेंपो ट्रेवलर और आल्टो कार बह गई।
हाईवे ठप, लाहाैल घाटी से एयरलिफ्ट किए चार मरीज
बाढ़ और भूस्खलन से मनाली-लेह हाईवे पिछले चार दिनों से बंद है। ऐसे में घाटी में फंसे चार मरीजों को स्टिंगरी हेलीपैड से सेना के दो चॉपर से कुल्लू एयरलिफ्ट किया गया। डीसी किरण भड़ाना ने राज्य सरकार को फंसे मरीजों को एयरलिफ्ट करने के लिए चॉपर के लिए राज्य सरकार से अपील की थी।