Himachal Weather: हिमाचल में पांच एनएच समेत 1359 सड़कें बंद, वीरवार को चार जिलों में बारिश का यलो अलर्ट

Dev Darshan Himachal
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Himachal Weather: हिमाचल में पांच एनएच समेत 1359 सड़कें बंद, वीरवार को चार जिलों में बारिश का यलो अलर्ट

Himachal Weather: हिमाचल प्रदेश में बुधवार को भारी बारिश और भूस्खलन से छह लोगों की जान चली गई। वहीं, प्रदेश के चार जिलों कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और सिरमौर के कुछ क्षेत्रों में वीरवार को बारिश का यलो अलर्ट जारी हुआ है। पढ़ें पूरी खबर...
Himachal Weather: हिमाचल में पांच एनएच समेत 1359 सड़कें बंद, वीरवार को चार जिलों में बारिश का यलो अलर्ट
हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग के ऑरेंज अलर्ट के बीच बुधवार को भारी बारिश और भूस्खलन से छह लोगों की जान चली गई। शिमला जिले के बिथल में काली मिट्टी के पास चलती बस पर पहाड़ी से चट्टान गिरने से दो महिलाओं की मौत हो गई। जबकि 11 लोग घायल हैं। उधर, मंडी जिले के सुंदरनगर में भूस्खलन की चपेट में आए दो मकानों के मलबे के बीच चार और शव बरामद हुए हैं। तीन शव मंगलवार को मिले थे। एक व्यक्ति अभी भी लापता है।

कुल्लू के इनर अखाड़ा बाजार में भूस्खलन की चपेट में आए एक मकान में एनडीआरएफ जवान समेत दो लोग दब गए हैं। किन्नौर के वांगतू में मंगलवार देर रात पहाड़ी से गिरी चट्टानों की चपेट में आने से सड़क किनारे बने शेडों में ठहरे पांच मजदूर और चालक घायल हो गए। वहीं, ट्रकों समेत टैंकरों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। बुधवार शाम तक प्रदेश में आनी-कुल्लू, मंडी-कुल्लू, रामपुर-किन्नौर, एनएच 505, मुबारिकपुर-धर्मशाला एनएच समेत 1359 सड़कें, 3207 बिजली ट्रांसफार्मर और 1062 पेयजल योजनाएं ठप रहीं।

शिमला जिले के कुमारसैन उपमंडल के बिथल में काली मिट्टी के पास बुधवार दोपहर करीब डेढ़ बजे चलती निजी बस पर पहाड़ी से भारी भरकम चट्टान आ गिरी। एनएच 5 पर हुए हादसे में बस में सवार दो महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 15 सवारियां घायल हो गई। बस रामपुर से शिमला आ रही थी। मृतकों में लक्ष्मी विरानी निवासी जलगांव (महाराष्ट्र) और नेपाल मूल की एक महिला शामिल हैं। 11 घायलों को उपचार के लिए रामपुर के खनेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

उधर, मंडी के सुंदरनगर उपमंडल के जंगमबाग में मंगलवार शाम भूस्खलन की चपेट में आए दो मकानों के मलबे के बीच से बुधवार को चार और शव बरामद हुए हैं। हादसे में अब तक एक ही परिवार के चार सदस्यों सहित कुल सात लोगों की मौत हो चुकी है। तीन शव मंगलवार को मिले गए थे। प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमों ने करीब 14 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद शव ढूंढ निकाले हैं। जोगिंद्रनगर के नेरघरवासड़ा पंचायत में बुधवार तड़के पहाड़ी दरकने से 10 घर ध्वस्त हो गए। इससे करीब 22 परिवार बेघर हो गए। 40 रिहायशी मकान खतरे की जद में आ गए हैं। प्रशासन ने कुल 77 प्रभावितों को राहत शिविर में शिफ्ट कर दिया है।

कुल्लू जिले के इनर अखाड़ा बाजार में मठ क्षेत्र में मंगलवार देर रात भूस्खलन की चपेट में एक घर आ गया और इसमें दो लोग दब गए हैं। इनमें एक कश्मीरी लेबर और दूसरा एनडीआरएफ का जवान है। दोनों को ढूंढने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। उधर, लाहौल में प्रशासन ने उदयपुर के सप्तधारा के पटसेउ से 30 भेड़ पालकों और 2100 भेड़-बकरियों को रेस्क्यू किया है। रोहतांग के साथ बारालाचा दर्रा, शिंकुला दर्रा में बुधवार को ताजा बर्फबारी हुई। मंगलवार 11 बजे से बंद भरमौर-पठानकोट हाईवे बुधवार दोपहर 1 बजे बहाल हो गया।

चंबा जिला मुख्यालय से सटे जनजातीय भवन बालू में 15 दिन से पांगी घाटी के करीब 18 लोग फंसे हुए हैं। जिले में 300 से अधिक ट्रांसफार्मर ठप रहने के चलते करीब 1200 गांवों में अंधेरा पसरा हुआ है। बुधवार को बारिश थमने से गगल एयरपोर्ट पर रूटीन में आने वाले उड़ानें भी पहुंचीं। पौंग बांध से भी 79,937 क्यूसिक पानी छोड़ा गया। राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में मंगलवार रात से लेकर बुधवार दोपहर तक बारिश का दौर जारी रहा। दोपहर बाद बारिश थमने से लोगों को कुछ राहत मिली है। शिमला सहित कई जगह दोपहर बाद हल्की धूप भी खिली। भारी बारिश के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग मंडी–कुल्लू के बीच यातायात के लिए बंद पड़ा हुआ है और हजारों वाहन फंस गए हैं।

वीरवार को चार, शुक्रवार को पांच जिलों में बारिश का यलो अलर्ट
प्रदेश के चार जिलों कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और सिरमौर के कुछ क्षेत्रों में वीरवार को बारिश का यलो अलर्ट जारी हुआ है। अन्य जिलों में भी बारिश के आसार हैं। शुक्रवार को पांच जिलों कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर में बारिश का यलो अलर्ट जारी हुआ है। छह सितंबर से भारी बारिश से कुछ राहत मिलने के आसार हैं। नौ सितंबर तक प्रदेश में मौसम खराब बना रहने का पूर्वानुमान है।

तीन दिन में सामान्य से 534 फीसदी अधिक बरसे बादल
प्रदेश में सितंबर के तीन दिन के दौरान सामान्य से 534 फीसदी अधिक बारिश दर्ज हुई है। एक से तीन सितंबर तक प्रदेश में 104 मिलीमीटर बारिश हुई। इस अवधि में 16.4 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार बिलासपुर, कुल्लू और सोलन में 1000, बिलासपुर में 1004, कुल्लू में 1035, सोलन में 1005, चंबा में 385, हमीरपुर में 562, कांगड़ा में 139, किन्नौर में 340, लाहौल-स्पीति में 668, मंडी में 378, शिमला में 766, सिरमौर में 792 और ऊना में 543 फीसदी अधिक बारिश हुई। मानसून सीजन के दौरान 20 जून से तीन सितंबर से प्रदेश में सामान्य से 46 फीसदी अधिक बारिश रिकॉर्ड हुई।

19 मकान ध्वस्त, 30 से अधिक घर करवाए खाली
प्रदेश में भारी बारिश-भूस्खलन से 24 घंटे में 19 मकान ध्वस्त हुए हैं। सोलन में बारिश से 10 कच्चे-पक्के मकान जमींदोज हुए हैं। बिलासपुर में 9 घर ढहे हैं। 16 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। वहीं, निरमंड के डुगवी गांव में 14, सिरमाैर जिले के नाैहराधार में भूस्खलन से खतरे की जद में आए 16 मकान खाली करवाए गए हैं। राजधानी शिमला के कृष्णानगर में आठ मकान खाली करवाकर यहां से 20 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। दो मकान सु्न्नी में खाली करवाए गए हैं। जमीन धंसने से पुलिस जिला देहरा के तहत बाग, अमरेड़ और सर्वनाटी गांवों में कई घर खाली करवाए गए हैं। ऊना जिले के उपमंडल बंगाणा की रामगढ़ धार में बड़ी-बड़ी दरारों आ गई हैं। इससे 50 मकान सीधे खतरे की जद में हैं। ग्राम पंचायत बख्तपुर के गजनूई में मंगलवार रात को ही 15 घर खाली करवाए गए।

हिमाचल में 7 सितंबर तक सभी शैक्षणिक संस्थान रहेंगे बंद
राज्य भर में लगातार और व्यापक भारी बारिश को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी और निजी स्कूलोंं, कॉलेजों और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) को सात सितंबर तक बंद करने का फैसला लिया है। कई दिनों से लगातार हो रही बारिश और आगामी दिनों के पूर्वानुमान को देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देशों पर शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया है। शिक्षा सचिव राकेश कंवर की ओर से बुधवार को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए। इस अवधि के दौरान शिक्षण और प्रशासनिक कर्मचारियों को अपने-अपने संस्थानों में उपस्थित होने से छूट दी गई है। हालांकि, सरकार ने संस्थानों से आग्रह किया है कि जहां तक संभव हो, ऑनलाइन शिक्षण विधियों के माध्यम से शिक्षा में निरंतरता बनाए रखें। वहीं, आंगनबाड़ी केंद्र भी बंद रहेंगे।

यह समय एक-दूसरे के साथ देने और सतर्क रहने का : सुक्खू
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि प्रदेश भर में बीते कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश और भूस्खलन की घटनाओं ने सभी को चिंतित और व्यथित किया है। इस संकट की घड़ी में बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह समय एक-दूसरे का साथ देने, सतर्क रहने और प्रशासन का सहयोग करने का है। कृपया सावधानी बरतें और अनावश्यक जोखिम ना लें।